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Manmitra

  /  Manmitra

पितामह भीष्म के जीवन में एक ही पाप था कि वे समय पर क्रोध नहीं करते थे और *जटायु के जीवन में एक ही पुण्य था कि वे समय पर क्रोध करते थे। "नतीजतन एक को बाणों की शय्या मिली और एक को प्रभु श्री राम की गोद।

What gives you respect in front of people is your words and your language , what makes you loved is your words and your language,  what makes you known first is words and your language